Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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“होली का त्यौहार “

 

नये वस्त्र तरु को मिलें, चलती मस्त बयार|

जग को उल्लासित करे, होली का त्यौहार|१|

चंचल नयना मदभरे, पुरवा बाँटे प्यार|

संग चलूँगी साजना, गोरी कहे पुकार|२|

भंग नशे में नाचते, सारे बीच बजार|

हुरियारों को भा गया, होली का त्यौहार|३|

ढोल सड़क पर बज रही, सबमें प्यार दुलार|

भस्म करे सब दुश्मनी, होली का त्यौहार|३|

गुझिया मीठी रसभरी, बनें स्वाद अनुसार|

नये नये पकवान सा, होली का त्यौहार|४|

आमंत्रित है आप सब, सारा घर परिवार|

मित्र मंडली साथ ही, होली का त्यौहार|५|

होली के त्यौहार की, महिमा अपरम्पार|

सभी दिलों को जोड़ दे, होली का त्यौहार|६|

हमें नये रँग में रँगे, होली का त्यौहार|

फूले फले सदाचरण, हे प्रभुजी आभार|७|

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