Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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इन्साफ जो मिल जाय तो दावत की बात कर

 

इन्साफ जो मिल जाय तो दावत की बात कर

मुंसिफ के सामने न रियायत की बात कर

 


तूने किया है जो भी हमें कुछ गिला नहीं

ऐ यार अब तो दिल से मुहब्बत की बात कर

 

 

गर खैर चाहता है तो बच्चों को भी पढ़ा

आलिम के सामने न जहालत की बात कर

 

 

अपने ही छोड़ देते तो गैरों से क्या गिला

सब हैं यहाँ ज़हीन सलामत की बात कर

 

 

'अम्बर' भी आज प्यार की धरती पे आ बसा

जुल्मो सितम को भूल के जन्नत की बात कर

 

 

 

--अम्बरीष श्रीवास्तव

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