Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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जय जवान

 
हवाओं में महके कहानी उसी की ,....2
जो सरहद पे जाए जवानी उसी की |

अपनों से बिछड़े और घर बार छोड़ा,
वतन की जरुरत पे संसार छोड़ा.......2
सरहद से लौटी निशानी उसी की .....२
जो सरहद पे जाए जवानी उसी की |

हवाओं में महके कहानी उसी की .....

दिलों में बसे हैं वतन के ये जाये,
खुशनसीबी है अपनी फतह ले के आये..२
कभी भी न भूले कुर्बानी उसी की ....२
जो सरहद पे जाए जवानी उसी की..

हवाओं में महके कहानी उसी की .....

अपना अमन चैन कायम है इनसे,
सच्चे यही हैं निगाहबां अपने .......२
हुई सारी दुनिया दीवानी इन्ही की ....२
जो सरहद पे जाए जवानी उसी की..

हवाओं में महके कहानी उसी की .....
जो सरहद पे जाए जवानी उसी की..

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