Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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"मूर्ख गोमांस परोसे"

 

 

आया हिन्दू राष्ट्र में, अति भीषण भूकम्प.
अग्रज से राहत मिली, शत्रु खेलता ट्रम्प.
शत्रु खेलता ट्रम्प, असुर पुचकारे पोसे.
ले राहत की आड़, मूर्ख गोमांस परोसे.
खिसक रही है प्लेट, प्रकृति की ही है माया.
निकट देख, अति शीघ्र, काल तेरा भी आया..

 

राहत में गोमांस दे, कहे भैस का मीट.
यद्यपि पैकिंग पर लिखा, तब भी करता चीट.
तब भी करता चीट, मांस का व्यापारी है.
प्रेरक माँसाहार, शत्रु अति व्यभिचारी है.
क्योंकर किया कुकर्म? हुआ हिन्दू हर आहत.
पूजित हो यदि गाय, मिलेगी तब ही राहत..

 

आई कैसी आपदा, भूकम्पित नेपाल.
बहुतेरे कवलित हुए, गए काल के गाल.
गए काल के गाल, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित.
छंद सुमन निज नैन, अश्रु भर उन्हें समर्पित.
हुई बहुत जनहानि, नहीं सम्भव भरपाई.
जीवित हैं जो बंधु, त्वरित राहत दें भाई.,

 

 

इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'

 

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