छंद कुण्डलिया :
पेरिस पर हमले किये, वाह! कमाया नाम.
इससे कोई मत करे, परिभाषित इस्लाम..
परिभाषित इस्लाम, पहन सेना सी वर्दी.
क़त्ल, भले. निर्दोष, कहाँ यह दहशतगर्दी?
उचित मिले उपचार, रही मानवता है पिस.
बने एकमत विश्व, एक हों लन्दन-पेरिस..
छंद दोहा:
बेगुनाह जो हैं मरे, आहत विश्व समाज.
श्रद्धा के यह दो सुमन उन्हें समर्पित आज..
इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
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