Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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काम जो भी हो निराला कीजिये

 

काम जो भी हो निराला कीजिये,
ज्ञान से जग में उजाला कीजिये.

कोई भी गमला न खाली अब रहे,
नित नए पौधों को डाला कीजिये.

चाहते है खाद पानी रोशनी,
प्यार से हमको संभाला कीजिये.

जिस तरह बच्चे हैं पाले आपने,
उस तरह पौधों को पाला कीजिये.

दोस्त हैं हम ही तुम्हारे काम के,
दुश्मनी का अब दिवाला कीजिये.

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