Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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समसामयिक दोहे

 

 

हाय-हैलो में खो गयी, सबकी रामजुहार.
राम-नाम से डर रहे , किन्नर के अवतार..

 

 

हिरणाकश्यप नाचता, सहमे हैं प्रहलाद.
जनता चुप हो देखती, कहाँ करे फरियाद..

 

 

प्रतिबंधित जब शब्द 'रा', 'हरदोई' में मित्र.
प्रकटे थे नरसिंह तब, अद्भुत रूप विचित्र..

 

 

'हरिद्रोही' अब हो रहा, देखो अपना देश.
सोंच समझ कर वोट दें, इच्छित चुनें नरेश..

 

 

हिरणाकश्यप से हुआ, संसदीय अनुबंध.
राम-नाम पर लग गया, भारत में प्रतिबन्ध..

 

 

रचनाकार: इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'

 

 

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