छंद: कुण्डलिया
ठेका जिसने दे दिया, हत्याओं का आम.
गिरफ्तार उसको करें, फेंक रहा जो दाम.
फेंक रहा जो दाम, जांच फ़ौरन करवायें.
आमदनी के स्रोत, जान प्रतिबन्ध लगायें.
मज़हब कर बदनाम, जाल जिसने भी फेका.
सबक दीजिये शीघ्र, न हो ह्त्या का ठेका..
गहरी सबकी भावना, धर्म-कर्म से प्यार.
इसको आहत मत करें, अच्छा नहीं प्रहार.
अच्छा नहीं प्रहार, भला संयम है जी का.
पेरिस हत्याकाण्ड, हुआ परिणाम इसी का.
उड़ता नित्य मजाक, बहे कुत्सित स्वरलहरी.
क्षुब्ध सनातन आज, न खोदें खाई गहरी..
प्रिय साथियों ! वैसे तो ताजा पेरिस हत्याकांड अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण व वहशियाना कृत्य ही है. जिसकी सारी दुनिया में निंदा ही हो रही है ...किन्तु यदि सही मायने में देखा जाय तो तस्वीर का दूसरा रुख यह भी है कि वास्तव में इस घटना के पीछे कार्टून के माध्यम से एक धर्म विशेष की धार्मिक आस्था पर किया गया प्रहार ही है | हमारी धार्मिक आस्था पर भी निरंतर प्रहार किये जाते रहे हैं कभी मदिरा की बोतल पर हमारे पूज्य देवताओं के चित्र लगा दिए जाते हैं तो कभी कोई बड़ी कंपनी भगवान् कृष्ण व अर्जुन को कोकाकोला पीते हुए दिखाती है. कभी कोई चित्रकार हमारे देवी देवताओं के नंगे चित्र बनाकर उनका मजाक बनाता है और उसे कला का नाम देता है .....और कभी पीके जैसी मूवी हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास करती है ..आदि ...यह ठीक है कि हम सनातन धर्मी तो अत्यंत सहिष्णु हैं किन्तु इस दुनिया में हर कोई तो ऐसा नहीं हो सकता ....अतः इस घटना से सभी को यही सबक लेना चाहिए कि सम्पूर्ण विश्व में किसी भी व्यक्ति को किसी भी व्यक्ति की धार्मिक आस्था पर प्रहार करने का हक़ कदापि नहीं है ...जय हिन्द..
इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
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