बढ़ी हुई बेतरतीब दाढ़ी के साथ कुर्ते की बाहें चढ़ाये हुए चुनावी मंच पर जब वे गरजकर बोलते थे तो वहां की धरती अकस्मात ही ऐसे डोलने लगती थी जैसे मानो कोई भयंकर भूकंप ही आ गया हो और तो और उनके विचार इतने क्रांतिकारी थे कि उन्होंने अपने पैतृक देश 'सेक्युलरावर्त' में प्याज के गिरते हुए उत्पादन की समस्या से निपटने हेतु अपने किसानों को प्याज की फैक्ट्री लगवाने का आश्वासन तक दे डाला वहां पर वे केवल यहीं नहीं रुके अपितु और अधिक क्रांतिकारी स्वर में चीखे, "किसान भाइयों, बरसात के इस मौसम में मुझसे आप सबकी यह तकलीफें मुझसे देखी नहीं जा रहीं अतः मैं गप्पू गप्पिंसन पुत्र सिल्वीनिया झप्पिंसन, आपको गारंटीशुदा आश्वासन देता हूँ मेरी सरकार के आते ही मैं आपके सारे खेत-खलिहान इतने पक्के व वाटरप्रूफ करा दूंगा कि न रहेगा कीचड़ और न खिलेगा कमल"| तभी पीछे से चमचे चिल्लाये, "गप्पू भैया जिंदाबाद, जिंदाबाद-जिंदाबाद"|
--इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
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