Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कई दिन हो गए

 

तुम्हें गए कई दिन हो गए
कई दिन हो गए...
तुम्हें गए
फिर भी /कहीं
आसपास ही लगती हो
आज भी तुमसे मिलकर
दिल की बात कहना चाहता हूं..
फिर डर लगता है
कहीं तुम बुरा न मान जाओ
इसीलिए चुप रहता हूं
कभी हो संभव
तो ख्वाब में आना
दो चार दिल की बातें करेंगे
कभी हसेंगे तो कभी रोएंगे
एक प्रेम अपने चरम पर
और /एक विदाई प्रेम से सदा के लिए
तुम्हें गए कई दिन हो गए
कई दिन हो गए,
तुम्हें गए

 

 

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