अमीर-गरीब
छोटा-बड़ा
काला-गोरा
स्त्री-पुरुष
अगड़ा-पिछड़ा
जैसे जाने कितने मसले
स्वतः समाप्त हो जाते हैं
जब सवाल उठ खडा होता है
हिन्दू-गैर हिन्दू का
मुस्लिम-गैर मुस्लिम का
समाज के अलग-अलग समूह
धडाधड दो समूहों में बंट जाते हैं
और समझदार क्या इसी को
ध्रुवीकरण कहते हैं?
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