Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अम्मा

 

अच्छा हुआ अम्मा
तुमने ली आंखें मूंद
वरना बुजुर्गों के प्रति बढ़ती लापरवाही से
तुम्हें कितनी तकलीफ़ होती
अच्छा हुआ अम्मा
तुमने आंखें मूंद लीं
वरना बीवी के गुलाम
और बाल-बच्चों में मगन
अपने बेटों का हश्र देख
तुम बहुत दुखी होतीं
अच्छा हुआ अम्मा
तुमने ली आंखें मूंद
धर्म-ग्रंथों में छपे शब्द
अब कोई नहीं बांचता
कि मां के पैरों के
नीचे होती है जन्नत
कि जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है
अच्छा हुआ अम्मा
तुमने ली आंखें मूंद
वरना तुम्हें अक्सर
सोना पड़ता भूखे पेट
क्योंकि सुन्न हुए हाथों से
तुम बना नहीं पाती रोटियां
या घड़ी-घड़ी चाय
अच्छा हुआ अम्मा
तुमने ली आंखें मूंद
वरना बुजुर्गों की देखभाल के लिए
सरकारों को बनाना पड़ रहा कानून
कि उनकी एक शिकायत पर
बच्चों को हो सकती है जेल
क्या तुम बच्चों की लापरवाहियों की शिकायत
थाना-कचहरी में करतीं अम्मा?
नहीं न!
अच्छा हुआ अम्मा
तुमने ली आंखें मूंद...

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