Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

हदों का सवाल है

 

 

हदों का सवाल है
बवाल ही बवाल है
दिल्ली या लाहौर क्या
सबका एक हाल है
कलजुगी किताब में
हराम सब हलाल है
कैसे बचेगी मछली
पानी खुद इक जाल है
भेड़िए का जेहन है
आदमी की खाल है
अंधेरे बहुत मगर
हाथ में मशाल है

 

अनवर सुहैल

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ