Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हिना बेटी से

 

हिना बेटी से...
ऐसा नहीं है कि तुम्हें
जेल भेजकर हम खुश हैं
तुम खुद सोचो
कि पापा भी तो कै़द हैं
खुद की बनाई जेल में
क़ैद है मम्मी भी
घर की चारदीवारी में
छोटी बहन भी कहां आज़ाद है?
तुम्हें मालूम हो बेटी
कि मछली की जेल पानी है
पंछी की जेल हवा
मिट्टी की जेल धरती
चांद-सूरज की जेल आकाश-गंगा!
हाॅस्टल की ये क़ैद
मेरी बच्ची
ब्रह्मण्ड के रहस्य समझने में
तुम्हारी मदद करेंगी....

 

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