Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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सौगात मुझे दे दो

 

कुछ पल हो मुरादों के
कुछ पल हो यादों के
ऐसे कुछ पलो की सोगौत मुझे दे दो

 

आंखो में जलते रहे हमेशा
सपनों के दिये सिर्फ तेरे लिए
ऐसे कुछ एहसासों की बारात मुझे दे दो

 

तन्हा तन्हा सिमटी रहूँ
उन चाहों में
ऐसे ही चाँद सितारों भरा
इक विस्तृत सा आकाश मुझे दे दे

 

फूलो के रस में नहा के
भीनी सी खुशबू चुराकर
ऐसी प्यार भरी खूबसूरती का
इक अंदाज़ मुझे दे दो

कुछ मदहोश से पलो की सौगात मुझे दे दो

 

 

 

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अंजू

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