Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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वोह हसीन पल

 

 

वोह हसीन पल मेरे दिल के करीब हो गए
जब से आप मेरी जिंदगी में शरीक हो गए

 

एक एक लम्हा एक साल सा लम्बा लगता था
अब तो हर गुजरा वकत उस हसीन पल की तस्वीर हो गए

 

बड़े सम्भाल के रखा है उस हसीन पल को पलकों की चिलमनों में
वोह हसीन पल अब मेरी जिंदगी की जागीर हो गए

 

पहले तो अंधेरो में घबरा के हम मसीहा तलाशा करते थे
उन हसीन पलो को याद करके अब हमारे गम भी रंगीन हो गए

 

अब तो हमारी हर ख़ुशी शुरू होती है उन पलो को याद कर के
मेरा वज़ूद अब तो बस आपकी ही तदबीर हो गए

 

ए खुदाया अब तो जिंदगी गुजरे ऐसी ही
नहीं तो मामले अब संगीन हो गए


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अंजु जायसवाल

 

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