Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मैं हिन्दुस्तान को................................

 
मैं हिन्दुस्तान को................................

मैं हर दिल में देश प्रेम की आग लगाना चाहता हूँ
हर इंसान में सोया हुआ इन्सान जगाना चाहता हूँ
ऐसा तब ही होगा जब आप "अंश" का साथ दोगे
मैं हिन्दुस्तान को फिर से हिन्दुस्तान बनाना चाहता हूँ
मैं हिन्दुस्तान को................................
मैं हिन्दुस्तान को................................

चाहता हूँ इस देश में बरकत हो, खुशहाली हो
हर दिन नया सवेरा हो, हर रात दिवाली हो
सब रहे मिल-जुल कर भाईकी तरह
मैं इस मुल्क में ऐसा माहौल बनाना चाहता हूँ
मैं हिन्दुस्तान को................................
मैं हिन्दुस्तान को................................

ना मज़हब के नाम पर अब कोई बटवारा हो
इस देश में इस कदर फैला भाईचारा हो
मिल कर बांटे गम एक दूजे के हम
मैं इस देश के गम कली परछाई हटाना चाहता हूँ
मैं हिन्दुस्तान को................................
मैं हिन्दुस्तान को................................

पूरी होगी यह ख्वाहिश गर आप मेरा साथ दे
अन्याय को मिटाने में मेरे हाथों में हाथ दे
मुझे तो सिर्फ आप का साथ चाहिए दोस्तों
मैं जन्नत को भी इस जमीन पर झुकाना चाहता हूँ
मैं हिन्दुस्तान को................................
मैं हिन्दुस्तान को................................
 

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