Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अश्क

 

कहते है कि खुशी मे बहते है आंसू
कहते है कि गम से निकलते आंसू
खुशीयों को रोशन करते आंसू
दर्द पिघला कर निकलते आंसू
बात जुबा से नहीं,आँखों से बताते आंसू
पल मे ही तहलका मचाते आंसू
अर्सों तक एहसास जताते आंसू

 

 

सजन कुमार मुरारका

 

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