बलात्कारी से कैसे बचे ?
(1)
मोहन भागवत आर.एस.एस प्रमुख बताए,
नारी अस्स्मिता रक्षा का अति सहज़ उपाए!
चुपचाप घर में बैठो, खाना पकाओ… !
बच्चे पैदा करो, और दुष्टों से बच जाओ,
"भागवत" की "भगवत कथा "मोहन" सहाए।
(2)
कैलाश विजयवर्गीय ने खींची “लक्ष्मण रेखा”,
बाहर निकलेंगी तो बाहर बैठा रावण से धोखा ;
"मर्यादा में रहो–समझी की नहीं".....?
रावण को मिटाने की हिम्मत सरकार मे नहीं !
भारतीय जनता पार्टी के नेता का हाल है अनोखा।
(3)
कान्ग्रेस के अभिजीत मुखर्जी के उत्तम बिचार :-
जन्तर मन्तर पहुंची थी सब सज़-धज़कर,
डेन्टेड पेन्टेड न कहें तो क्या कहे बताओ ?
विरोधी प्रदर्शन करनेवालीयों डिस्को क्यों जाओ?
“सुन्दोरी-सुन्दोरी” दिखावे के प्रदर्शन करे सब बेकार।
(4)
कान्ग्रेस के ही बोत्सा सत्यनारायण कि हैं तकरार,
आओ घर सूरज ढलने से पहले, न रहो बाहर;
लड़की रात में घर से बाहर गई ही क्यों?
आज़ादी है इसलिए सड़कों पर घूमते हैं क्यों?
बोत्सा का प्रश्न,उलझन का समन्दर,बुद्धी से बाहर!
(5)
त्रिणमूल कान्ग्रेस की काकोली घोष दस्तीदार,
रात के समय घर से बाहर ! खबरदार,
पीड़िता है बद-चरित्र, नहीं किसी को एहसास;
सरकार के खिलाफ़ राजनीतिक है यह बिरोधाभाष!
महिला शासन मे महिला की सुरक्षा नहीं कोई दरकार?
(6)
काकोली घोष दस्तीदार की हिदायत,
बलात्कार हो जाए तो शिकायत!?!
मत करो वरना हो सकता है कि-
वेश्या का ठप्पा लगा दिया जाए ही ।
सरकार के नुमाईन्दे की खोखली हिमायत|
(7)
संत आसारामजी पर भी ध्यान दो;!
कहे सामने आए उसे राखी बांध दो,
उन्हे भाई बना लो,पैर पकड़ लो,
और बख्श देने की भीख मांग लो|
यह "संत"किस दुनिया मे," समझा दो"!
कौन-सी टिप पढ़ कर आपको सबसे ज़्यादा हंसी आई और किस टिप पर सबसे ज़्यादा गुस्सा आया –यह ज़रूर बताइयेगा। इंतज़ार रहेगा।
सजन कुमार मुरारका
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY