Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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दर्द निकला प्यार से

 

 

मेरे दर्द भी अन्जाम है, मेरे नाकाम प्यार के
आखिर प्यार में दर्द ही तो मिला आप से
दर्द बहूत था दिल में, लेकिन मिला प्यार से
प्यार नहीं, आपका दर्द- "हमदर्द" है, हम से


दर्द को ना देखिये , उल्फत की नज़र से
स्वीकारा इसको हमने तोउफा समझ आपसे
प्यार अगर मिलता तो, मशगुल से जीते
दर्द मिला, तभी प्यार को याद कर जीते


प्यार नहीं मिला, न कोई गमे-सरोकार
प्यार की कशमकस, दर्द में ही बकरार
दर्द से मैं सो नहीं सकता,देखता ख्वाब
आप सोकर भी नहीं देखते प्यार का ख्वाब


याद ना करू कैसे वह हसीन पल ज़िन्दगी के
मुझको और रुलाते तेरे, कसमे-वादे प्यार के
लाख चाहे तो रोक नहीं सकते आसूं दर्द से
मिल जाता प्यार अगर, निकलते आंसू खुशी से


आंसू की कदर क्या जाने प्यार-बेखबर
दर्द निकलता प्यार से, होते जब बेक़रार
तुमको कभी रोना आया नहीं - दर्द से
प्यार "प्यार" नहीं जो गुजरा नहीं दिल से

 

:--सजन कुमार मुरारका

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