"दिल्ली" मे हुई गैंग-रेप की घटना !;
"आज़ाद देश" की शर्मनाक विडंबना ;
आक्रोश अभिव्यक्त करता जन-प्रदर्शन;
पैसठ सालकी आज़ादी का नग्न चित्रण|
स्त्तालोभीयों मे नहीं जगा फ़िर भी स्पंदन,
पुरूष वर्चस्व समाज़ का चलता है शोषण ;
पितृसत्ता के संस्कार,स्त्री है"वस्तु"समान ;
प्रतिरोध पर दंड देता जघन्य,अति भीषण |
"पुज्य"नैतिकता,बेशर्म-देह-सम्बध प्रधान?
लेख,भाषण मे "नारी"जाती सिर्फ़ है महान!?
दु:खदायी घटना,नेता पड़े लिखित बयान-!?!
भाव,सम-वेदना उनमे जीवित नहीं प्रमाण |
प्रतिवाद के सूर लगे सत्ता-विरोधी अभियान,
दमन नीति से जन-सैलाब को चाहें निष्प्राण,
अपने घर की "बेटियों" का झुटा दें ब्याखान,
भ्रमित करने को घड़ियाली आंसूओं से स्नान|
"ठीक है " प्रधान कहे,बाकी सारे तो हनुमान,
शर्म नहीं आती, देश की इज्ज़त का नुकशान;
सत्ता के गलियारे मे घूम रहे सारे हैं " रावण";
इनके हाथ,इनके साथ देश कैसे बनेगा महान!?!
जोगो प्यारो!कब तक राज करेगें यह सब शैतान?
बलात्कार हम सभी का हो रहा है-जरा दें ध्यान;
नारी से जबरन देह सम्बन्ध बलात्कार का प्रमाण,
हमारे वीवेक का जबरन शोषण भी है उसी समान|
उत्त्पीडन से नारी की इज्ज़त जाये,विनिष्ट होता मान;
हम सह रहें है कैसे कैसे उत्त्पीडन,बचा कैसे सन्मान?
सजन कुमार मुरारका
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