यह अंत हीन सवाल
मचाये गहरा बवाल
जीना-मरना क्या है
आनेवाला चला जाता
लोट के कब आता ?
यादें भर रह जाती
इतिहास की पाती
बाकी रहता चरित्र बिशेष
यादों के यह अबशेष
मृत्यु अगर प्रश्न जीवन का
ज़िंदगी उत्तर है जीने का
जियो जी भर के,
फिर डर क्या मरने का
:सजन कुमार मुरारका
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