Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कहे सदगुरु!!

 


ज्ञान का विचार सागर मंथन वाला -
आपदा से मुक्ती की शिक्षा देने वाला -
नये ज़माने के बुद्धियोगी ज्ञान वाला -
सम्पूर्ण नष्ट-मोह पावन पुण्य-वाला-
पैगाम सभी महिलाओं को देने वाला -
बाबा-कृपालु,सुखदाता-सद्गति-परित्राता-
गाइड-सुधार-कर्ता,निर्वाण-का रचयिता -
"मेरे बच्चे"!,नया जमाना है बाबा कहता |
नये ज़माने के नये मनु-राक्षश देवता;
तुम बच्चीयों को नया पाठ समझा देता-
दुष्ट स्वरूप में अत्याचारी सब तेरे भाई -
सभी को विनय से कहना मैं राखी लाई;
सोलह कला होगी सम्पूर्ण-पावं पकड़ना-
अभय दान मांग, सहज़ छूट जाना |
फ़िर दुष्ट-देवता पाप कर्म नही करता -
स्तुती,प्रार्थना,भात्री-प्रेम से तुष्ट होता;
उसी चाहत मे सारे अत्याचार करता;
यह ही पौगम सदगुरु सभी को देता !
शुभ-भावना,शुभ-प्रार्थना,होगा कल्याण ......
कहे सदगुरु,दयालु-महंत,बाबा-महान,
बन्धु-सखा-साथी,स्वामी-खुदा-भगवान!!

 



सजन कुमार मुरारका

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