Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मिलन के ख्याल

 

जब वह शर्मसार होते हैं; तो चहेरे पे गुलाब होते हैं .
आँखों मे शोख़ी,होटों मे मुस्कान;दिल मे तूफ़ान होते हैं .

 

जब वह निहारें तिरछी नज़र से;दिल तार-तार होते हैं .
क़सम खुदा की, जन्नत सी नसीब,जब वह मेहरबाँ होते हैं .

 

काज़ल भरे मद-मस्त कजरारे नयन; बादल से होते हैं .
कभी पलक झपकाना, कभी मुस्कुराना;अन्दर तूफान होते हैं .

 

मिलन की चाह मे ख़ुशियों से दिल तो बे-लगाम होते हैं .
अरमां हरदम तड़पते सीने मे;लब्ज़ लब्बो पे बेजुवां होते हैं .

 

इश्क़ छु पाया नहीं जा सकता;अदाओं से खुद बयाँ होते हैं .
इश्क़ मे जुनून इतना;मर-मिट जाने को भी रज़ामन्द होते हैं .

 

परवाने को लुभाने शमा का ज़लवा रोशन सिंगार होते है
नसीहत काम न आये,बेचैन दिल मे बिरह से ज़ख्म होते है;

 

नादान दिल मे मिलन की फ़ितरत,मुश्किल से रुके होते है .
जज़्बा पत्थर सा;ज़ेहन मे सिर्फ़ उनसे मिलन के ख्याल होते है ;

 

 

सजन कुमार मुरारका

 

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