निशा मिलन भोर का उजियारा
चिल मिलाती धुप में अँधियारा
सुबह खोजे दिल चाँद- तारा
मन में गहरा प्यार का उजारा
नदियों से मिले जैसे किनारा
कोमल शीतल हाथों ने दुलारा
सासों की महक ने संवारा
निर्मल पवन सा स्पर्श सारा
मीठी मीठी तकरार का सहारा
सपनों में भी हरदम वही नजारा
उलझे उलझे लटों का इशारा
दिल की चुभन दर्द प्यारा प्यारा
मूक अधरों का सहारा
नयनों से बहे अश्रुं धारा
धडकनों में दिल बेसहारा
यह ही तो है प्यार का इशारा
:सजन कुमार मुरारका
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