Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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प्यार की ख्वाइस है मेरी भी

 

मुझे ख्वाइस है किसी के प्यार की
मालूम मुझे तकलीफे इस मंजर की
फिर भी चाहत है किसी दिलवर की
हाँ, मैं नाकाबिल रहूँगा, यह ईलम भी


सुना था किसीके दीदार से बडने की
या बिन मुलाकात थम जाने की
मुझे परखना है धडकने दिल की
जी लेते है लोग? दिल धडके या नहीं भी


नजर से नजर की आंख-मिचोली की
दिलवर की मोहब्बत भरी नजर की
सर्द, या नाजुक छबि किसी नजर की
कैसी होती यह नजर, देखना है मुझे भी


दिल से दिल के लगन या मिलन की
कियों मिल जाते,दिल.पता लगाने की
किसी पराये दिल को अपना दिल बनाने की
यह अनबूझा लेन-देन चाहे मेरा दिल भी


जज्वा कहें, जूनून कहें, राहें प्यार की
चाहत कहें, जरूरत कहें, शर्त जीने की
प्यार होता कियूं ? बात है समझने की
तभी तो प्यार की ख्वाइस है मेरी भी

 

 

:-सजन कुमार मुरारका

 

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