Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

Shabana K Arif

 

1- छोटे-छोटे लम्हें ज़िंदगी महका देते हैं.. !
इन्हे हाथों की लकीरों में छुपा लेती हूँ मैं.!!

 

2- मुझे मुस्कराने की अदा जो तुमने दी है..!
हालात-ऐ-वतन में बहुत मुश्किल था ये हुनर!!

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ