Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ

Biography

वन, वन्यप्राणी, पर्यावरण, बालोपयोगी, चरित्र निर्माण, पर्यटन, झारखण्ड के स्वतंत्रता सेनानी, विशेष व्यक्ति, आदि विषय पर 1971 से अब तक अंकुश्री की चार हजार से अधिक रचनाएं (लघुकथा, बालकथा, कहानी, निबंध, कविता, हास्य-व्यंग्य, बाल निबंध, बाल कविता) देष भर की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाषित.

झारखण्ड सरकार द्वारा हिन्दी सेवी सरकारी सेवक सम्मान से 14 सितम्बर, 2013 को सम्मानित.

झारखण्ड सरकार की पांचवी कक्षा में बालकथा एतवा 2016 में सम्मिलित.

हमारे वन्यप्राणी, हमारे पक्षी, सागर के तिनके (लघुकथा संकलन) एवं हमसे है पर्यावरण प्रकाशित.
झारखण्ड
करीब चार दर्जन सम्पादित संकलनों में लघुकथाएं, बालकथाएं एवं कहानियां प्रकाशित.

लखनऊ की शैक्षणिक संस्था नालन्दा द्वारा जनवरी, 2012 में आयोजित 17 लेखकों की कार्यषाला में चयनित 6 पुस्तकों में इनकी दोनों पुस्तकों नगाड़ा और पेड़ का प्रकाषन.

वन पदाधिकारी श्री पंकज श्रीवास्तव की पुस्तक कैद के 64 दिन (2010) और देख अपनी ओर (2016) का संपादन.

आकाशवाणी से कहानियां, बालकथाएं, लघुकथाएं, बाल निबंध एवं अन्य रचनाएं 1981 से प्रसारित.

सारिका द्वारा आयोजित सर्वभाषा कहानी एवं लघुकथा प्रतियोगिता-1984 में रेजा कुली को तृतीय पुरस्कार प्राप्त.

सम्पर्क: प्रेस काॅलोनी, सिदरौल, नामकुम, रांची (झारखण्ड)-834 010 (मो0 08809972549).

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