Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator
user

हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ

Biography

संतोष गंगेले

मेरे बारे में आप पूरी जानकारी रख सकते है
----------------------------
1-नाम - संतोष कुमार गंगेले
2-पिता का नाम - श्री प्यारे लाल गंगेले
3-माता का नाम - श्रीमती सुमित्रा देवी
4-मेरा जन्म स्थान - ग्राम बीरपुरा पो0 नौगाव (बुन्देलखण्ड) थाना नौगाव जिला छतरपुर मध्य प्रदेष
5-मेरी शिक्षा- बी.ए. बापू महाविद्यालय नौगाव जिला छतरपुर मध्य प्रदेश
6-मेरी धर्म पत्नी स्व0 श्रीमती प्रभा देवी बर्तमान श्रीमती रंजना देवी
7-मेरी संतान- मेरी पहली पत्नी की चार संतान दो पुत्र कुलदीप , राजदीप दो पुत्रियाँ- मंदाकनी -अभिलाषा मेरी बर्तमान पत्नी रंजना देवी की एक संतान- रत्नदीप
मेरी जन्म तिथि 11 दिसम्बर सन् 1956 है ।
8-मेरे भाई बहन - राजेन्द्र कुमार गंगेले-अधिबक्ता, सुरेश गंगेले सहित्यकार, लेखक, पत्रकार , कैलाश मजदूर बहन - गीता , गृहणी

9- मेरा पिता जी- मेरे पिता एक कुख्यात अपराधिक जीवन के बाद संत हुये , संत होने के बाद , मेरी माँ के साथ भारत का भ्रमण किया । श्रीराम चरित मानस का बिषेष ज्ञान रखते थें, तथा भविष्य बक्ता रहे ।
संत हो जाने के बाद उन्होने समाज में भारतीय संस्कृति के माध्यम से समाज सेवा की, बाल्यमीक जी की तरह उनका जीवन रहा है ।

10-मेरा बचपन- मेरा बचपन बहुत ही कठिन परिस्थितिओ से गुजरता हुआ रहा । क्यों कि पिता जी के संत हो जाने के बाद अपने छोटे भाईयों व बहन का पालन पोषण का कार्य मेरे कंधों पर था , इसलिए मेने ईश्वर की कृपा से अपने जीवन को कर्मयोग के रूपमें स्वीकार करते हुये कठिन से कठिन कार्य करते हुये भाई बहनों का मुशिबतों से दूर रखा, उनका पालन पोषण किया तथा उनकी षिक्षा पर ध्यान देकर उन्हे सक्षम बनाया । परिवार की माली हालत ठीक न होने के कारण एक समय व्यापारियों के यहाँ कार्य किया एक समय अध्ययन स्वयं किया , सत्य को साथ रखा ईमानदारी को मित्र बनाया , सफलता साथ चली अपने मुकाम तक पहुचने में मुझे आप सभी का साथ रहा ।

11-परिवारिक समस्याओं को दूर करने केलिए भारत सरकार की आर्मी एमईएस में चैकीदार रहा उसके बाद मैने 1979 में दिल्ली जाकर एक साल तक मजदूरी का कार्य किया, वहाँ से आकर चाय पान की दुकान खोलकर हायर सेकेण्ड्री की परीक्षा उत्तीर्ण करते हुये बी0ए0 में प्रवेष लिया । बी0ए0 फाइनल हो जाने के बाद एल.एल.वी. में प्रवेश लिया था.

12- छात्र नेता के रूप में- हायरसेकेण्ड्री की परीक्षा के दौरान छात्र नेता के रूपमें पहली बार छात्र संघ का सचिव बना , मंच का कलाकार बनने के शौक ने मुझे रंगमंच पर भी अवसर मिला जिसमें सफल हुआ । जिला , संभाग, एवं बुन्देलखण्ड स्तर के पत्रकार सम्मेलन कराने का भी अवसर मिला है ।

13-पत्रकारिता में प्रवेश- सन् 1981 में छतरपुर से प्रकाशित दैनिक राष्ट्र-भ्रमण समाचार पत्र का पहली बार संवाददाता नियुक्त हुआ । उसके बाद मुझे पत्रकारिता में इतनी रूचि हुइ कि मैं छतरपुर के साथ साथ सतना, भोपाल, रीवा , ग्वालियर, सागर, झाॅसी , कानपुर आदि ष्षहरों के राष्ट्रीय समाचार पत्रों में लिखने लगा । पत्रकारिता के क्षेत्र में ख्याती प्राप्त हो जाने के कारण समाज सेवा एवं राजनैतिक क्षेत्र में पहुॅच हुई । अनेक लेख कवितायें , कहानी भी लिखने का शौक रहा ।

14-सन् 2004 से कम्प्यूटर का अनुभव लेकर, इंटरनेट पर अपनी पहचान बना सका हॅू । मेरी तस्वीरो एवं नेट पोर्टल के माध्यम से अनेक बेब साईटों पर लेखक का कार्य कर रहा हॅू । आप मेरे बारे में गॅूगल में लिखे- santosh gangele my portal-www.mpmirror.com & www. Ajmernama.com. www.rainbonews.in-and other wew..


15-अपने कर्म के व्दारा भाग्य बदलने का लगातार प्रयास जारी रखा, छतरपुर जिला कलेक्टर श्री होशियार सिंह जी ने रोजगार केलिए तहसील में प्राइवेट याचिका लेखक के रूपमें मुझे नियुक्त किया । रोजगार के साधन जुट जाने के बाद मेरे विकाश की गति बढ़ती गई । पत्रकारिता समाज सेवा लेखक के साथ साथ षिक्षा ग्रहण करते हुये सन् 1984 में बी0ए0 फाईनल किया । सन् 1985 में विवाह संस्कार हुआ । इस आयोजन में रिष्तेदारों के अतिरिक्त समाजसेवी, अधिकारी, नेता, पत्रकारों ने मेरा साथ दिया ।

16-सुख दुःख की यात्रा के बीच सन् 1993 में मेरी धर्म पत्नी का निधन हो गया । ईष्वरी कृपा से दो माह के अंदर ही दूसरा विवाह 14 दिसमबर 1993 को एक गरीव किसान परिवार में हुआ । मेरी दूसरी धर्म पत्नी ने बो इतिहास रचा जो आज तक लाखों में कोई एक महिला ही रच सकती है , पहली पत्नी के चार बच्चों का पालन पोषण हो जाने के बाद उनकी इच्छा से एक पुत्र को जन्म देकर , नसबंदी करा दी । सभी बच्चों का पालन पोषण इस प्रकार किया कि कोई माँ अपने पुत्रों की नही कर सकती थी । यहीं मेरे पुण्य प्रताप थें । यही ईष्वर भक्ति है ।

17- भगवान श्री कामता नाथ चित्रकूट व भगवान श्री राम राजा सरकार श्री ओरछा बालों की कृपा से मुझे दुर्जनो की संगति प्राप्त नही हुई , किसी प्रकार की नषा की आदत नही हुई । मेरा व्यवहार सत्य पर निर्धारित है । मै जो कहता है सामने कहता है इसलिए कुछ लोगों को सत्य हजम नही होने के कारण मेरी बुराईयाॅ करते है । मेरे जीवन की सैकड़ों ऐसी घटनायें हैं जो आज की युवा पीढ़ी केलिए एक सबक नजीर हो सकती है ।

18- जीवन में नियम व संयम का पालन किया । किसी विशेष संकट या बीमारी में मुझे सूर्य उदय के बाद उठने का अवसर मिला अन्यथा आज तक विस्तर पर सूर्य उदय नही हुआ । प्रतिदिन अध्यात्मिकता का अध्ययन ईश्वर का नाम , समाज सेवा की लगन , गरीवों पीड़ित परेषानों की मदद ही मेरी मौत को दूर भगाते आ रही है । ईष्वर से प्रार्थना है कि समाज में बहुत कुछ कार्य करना बाकी है यदि समय मिला तो करने का प्रयास जारी होगा ।

19- सन् 2004 से कम्प्यूटर का हल्का ज्ञान रखता हॅू । इंटरनेट पर अपनी पहचान बनाने केलिए कुछ करता रहता हॅू । सन् 2007 से नौगाॅव जनपद पंचायत क्षेत्र की प्राथमिक , माध्यमिक एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों में जाकर बच्चों के बीच बाल सभाओं का आयोजन कराना, प्रतिभाओं को निखारने का कार्य करता हॅू तथा शिक्षकों का सम्मान, समाज सेवा करने बालों, ईमानदार कर्मचारियों का सम्मान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियेां पत्रकारो को सम्मान करना पहली कर्तव्य है । जो पुलिस कर्मचारी उत्तम या समाज में अच्दा कार्य करते है उनका अनिेकों वार सम्मान किया ।

20-शहीद गणेष शंकर विद्यार्थी जी के जीवन से प्रभावित होकर गणेष ष्षंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब का गठन का संस्था का पंजीयन कराया है । इस संस्था के माध्यम से मध्य प्रदेष के सम्पूर्ण जिला के पत्रकारों को एक मंच पर लाने एवं पत्रकारिता की गरिमा बनाये रखने, पत्रकारों की समस्याओं का हल कराने का मेरा लक्ष्य है जो सभी के सहयोग से ही पूरा होगा । प्रयास मेरा -सहयोग आपका ।

यदि आप इंटर नेट पर है तो आप गूँगल में मुझे खोज सकते है ।
सिर्फ लिखना है – santosh gangele

 


आपका

(संतोष कुमार गंगेले )
मेरा सम्पर्क नं. 09893196874 है
ई-मेल -santoshgangele92@gmail.com

 

Powered by Froala Editor